Monday, October 5, 2015

आज़म खान को एक खुला पत्र! पाकिस्तान की तरह वर्ताव कर रहे है आजम खान!

आज़म खान के नाम एक खुला पत्र!

पाकिस्तान की तरह व्यवहार कर रहे है आज़म खान!

कल एक ख़बर आई दादरी घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और मुसलमानों के सबसे बड़े रहनुमा  आज़म खान ने UNO यानि संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखी इन सब के बावजूद कि यह घटना भारत का पूरी तरह से आंतरिक ममला है। इस घटना की निंदा सभी समाज, सम्प्रदाय और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने अपने अपने तरीके से किया।

आज़म खान के इस वर्ताव को पाकिस्तान के उस कृत्य से तुलना की जाय जिसमे वह कश्मीर मसले को लेकर UNO चले जाता है तो कम नहीं होगा। आज़म खान से मैं यह उम्मीद करता हूँ कि दादरी घटना के साथ नीचे दी हुई घटना को भी लिखा होगा।  

- किस तरह से इस्लाम को मानने वाले मुग़ल शासको ने हमारी विरासत को तोडा तहस नहस किया और हिन्दूओ को अपनी क्रूरता के बल पर इस्लाम में परिवर्तित कराया। 

- किस तरह से आजादी के समय बटवारे के दौरान इस्लाम को मानने वाले लोगों ने सिक्खों और हिन्दुओ के माँ बहनो के साथ घृणित काम किया और उनका बेरहमी से खून किया।  

- उन्होंने यह भी लिखा होगा 1992 में मुम्बई में बम धमाके करवा कर सैकड़ो मौसमो की जान लेने वाले किस धर्म को मानने वाले थे।  

-उन्होंने यह भी लिखा होगा कश्मीर में कश्मीरी पंडितो को अपने ज़मीन हक़ से जुदा करने वाले कौन लोग है और आज भी कश्मीरी पंडित अपने ही देश में शरणार्थी की तरह रह रहे है।  

- आज़म खान को यह भी लिखना चाहिए किस तरह से 2002 में गोधरा स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे बंद कर कारसेवकों को जिन्दा जला दिया गया था वह किस धर्म को फॉलो करने वाले लोग थे।  

- आज़म खान को यह भी बताना चाहिए कश्मीर में आये दिन पाकिस्तान और isi का झंडा किस धर्म और सम्प्रदाय के लोग कर रहे हैं।  

आज़म खान साहब मझे जावेद अख़्तर साहब का एक स्टेटमेंट याद आ रहा है जिसमें उन्होने ने कहा था "आप एक बार पाकिस्तान और कट्टर इस्लामिक देशो का दौरा करके आइये यहाँ की धरती को चूमेंगे" और आप हमारे अंदरूनी मसले को UNO में ले जा रहे है। आप मुसलमानो के रहनुमा है या इंसानियत के। आप के अनुसार इस देश में मुसलमानो के साथ अत्यचार हो रहा है उससे कम दलितों और पिछड़ों पर नहीं हो रहा है। क्या आप ने उनके आवाज़ को उठाने की कोशिश की। अगर आप जैसे नेता को मौका मिले इस देश को इस्लामिक मुल्क बना दिया जाय तो क्या मना कर देंगे।  

एक सप्ताह पहले ही हुई घटना को मैं भुला नहीं हूँ जिसमे एक मुस्लिम पिता ने छोटी से बच्ची को इस लिये मौत के घाट उतार दिया क्योकि उसका दुपट्टा सिर से उतर गया था। क्या आपने उस घट्ना की भर्त्सना की। इस मुल्क में मुस्लिम लड़कियां टी शर्ट और जीन्स भी पहनती है आप उनका पहनावा तय नहीं कर सकते।  

दादरी या इस तरह की दूसरी घटनाये भारत का अंदरूनी मामला है और जबकि आप ने इस मसले को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर उठाया है तो क्या अखिलेश सरकार आरोपी युवको पर मुकदमा उठाने की इजाज़त देगी क्योकि मसला UNO में है। इस मामले में गिरफ्तार युवको को छोड़ दिया जायेगा क्योकि मामला UNO में है।  

मैं निजी तौर आपके इस कृत्य की निंदा करता हूँ। हिंदुस्तान में किसी भी सेक्टर में हिन्दू मुसलमानो को बराबर का दर्जा दिया जाता है। आज इस देश में मुसलमान भी हर क्षेत्र में सर्वोच्च पदों पर बैठा हुआ है। कृपया हिन्दू- मुसलमान के आधार पर इस समाज को मत बांटिये। 

इस बात को स्वीकार करना पड़ेगा आज मुस्लिम समाज रूढ़िवादियों और इस्लाम के कुछ कट्टर नियम कानून से बधा पड़ा है उनसे मुसलमानो को मुक्त कराईये और उन्हें उदारवादी प्रवित्ति की तरफ मोड़िये। 

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